गुरुवार, 7 नवंबर 2024

788. हँसती हुई लड़कियाँ

 




मुझे अच्छी लगती हैं 

हँसती हुई लड़कियाँ,

पर इन दिनों वे 

थोड़ी सहमी-सहमी सी हैं।


बाहर निकलने से इन दिनों

कतराती हैं लड़कियाँ,

देर हो जाय लौटने में 

तो बढ़ा देती हैं  

अपने क़दमों की रफ़्तार।


न जाने कब कौन

टूट पड़े उन पर,

बंद घरों में भी 

सहमी-सी रहती हैं लड़कियाँ। 


सपनों में देखती हैं वे

मुखौटे लगाए चेहरे,

चिथड़े-चिथड़े कपड़े,

मोमबत्तियाँ हाथों में लिए 

जुलूस में शामिल लोग। 


मुझे अच्छी लगती हैं 

हँसती हुई लड़कियाँ,

पर अरसे से नहीं देखी मैंने  

हँसती हुई लड़की,

आपने देखी हो, तो बताइएगा,

मैं भी मिलना चाहता हूँ

ऐसी दुस्साहसी लड़की से। 



शनिवार, 2 नवंबर 2024

790. काला रंग

 


मुझे पसंद है काला रंग,

मैं पहनता हूँ काले कपड़े,

खरीदता हूँ काली चीज़ें,

घर की दीवारों को मैंने 

रंगवाया है काले रंग से। 


समझ नहीं पाता कोई 

काले रंग से मेरा लगाव,

पर मुझे लगता है

कि इसमें ईमानदारी बहुत है। 


काला ही तो वह रंग है,

जो हमारे भीतर है,

बाहर भी हमें 

वैसा ही दिखना चाहिए,

जैसे हम अंदर हैं।