शुक्रवार, 22 जनवरी 2021

५२७.घर की सेहत


बहुत दिनों से बंद है यह घर,

बदबू भर गई है इसमें,

अब खोल दो खिड़कियाँ,

खोल दो रोशनदान,दरवाज़े,

निकाल दो अन्दर की गर्द,

गुस्सा, मनमुटाव , घृणा, 

वह बदला, जो तुम्हें लेना है.


ताज़ी हवा अन्दर आएगी,

तभी बासी बाहर निकलेगी,

घर की सेहत को सुधारना है,

तो बासी हवा का निकास ज़रूरी है.

12 टिप्‍पणियां:

  1. घर की सेहत को सुधारना है,
    तो बासी हवा का निकास ज़रूरी है
    लाजवाब और चिंतनपरक सृजन ।

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  2. आपकी इस प्रविष्टि् की चर्चा कल रविवार (24-01-2021) को   "सीधी करता मार जो, वो होता है वीर"  (चर्चा अंक-3949)    पर भी होगी। 
    -- 
    सूचना देने का उद्देश्य है कि यदि किसी रचनाकार की प्रविष्टि का लिंक किसी स्थान पर लगाया जाये तो उसकी सूचना देना व्यवस्थापक का नैतिक कर्तव्य होता है। 
    --
    नेता जी सुभाष चन्द्र बोस के जन्म दिन की
    हार्दिक शुभकामनाओं के साथ-    
    --
    सादर...! 
    डॉ.रूपचन्द्र शास्त्री 'मयंक' 
    --

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  3. आपकी लिखी रचना ब्लॉग "पांच लिंकों का आनन्द" रविवार 24 जनवरी 2021 को साझा की गयी है......... पाँच लिंकों का आनन्द पर आप भी आइएगा....धन्यवाद!

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  4. घर की सेहत को सुधारना है,

    तो बासी हवा का निकास ज़रूरी है.

    सत्य कथन
    घर के संग मन से भी...

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  5. सत्य, विचारक कथन। " घर की सेहत को सुधारना है,

    तो बासी हवा का निकास ज़रूरी है."
    बहुत बढ़िया.

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  6. क्या बात है , बेहतरीन रचना नमन बधाई हो

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