मन पर लगाम कस के,
कई दिनों की कोशिशों से
उस लड़की ने जुटाए हैं
एक कप कॉफ़ी के पैसे.
टॉफ़ी खाई है कई बार उसने,
कोक भी पीया है एक बार,
बस कॉफ़ी ही नहीं चखी है-
सुन्दर से कप में परोसी,
गर्मागर्म झागवाली कॉफ़ी.
बहुत ख़ुश है आज वह लड़की,
आख़िर वह भी चखेगी कॉफ़ी,
देर तक महसूस करेगी उसका स्वाद,
घूँट-घूँट उतारेगी गले से नीचे,
आज महसूस करेगी वह
कि अमृत का स्वाद कैसा होता है.
आपकी लिखी रचना "सांध्य दैनिक मुखरित मौन में" आज रविवार 01 दिसम्बर 2019 को साझा की गई है...... "सांध्य दैनिक मुखरित मौन में" पर आप भी आइएगा....धन्यवाद!
जवाब देंहटाएंदिल को छू गयी रचना
जवाब देंहटाएंवाह बहुत खूब।
जवाब देंहटाएंहृदय स्पर्शी रचना।
सुंदर सृजन ,सादर नमन
जवाब देंहटाएंसच वही अमृत है जिह तक अपनी पहुंच नहीं...
जवाब देंहटाएंबहुत सुन्दर...।
उम्दा लिखावट ऐसी लाइने बहुत कम पढने के लिए मिलती है धन्यवाद् Aadharseloan (आप सभी के लिए बेहतरीन आर्टिकल संग्रह जिसकी मदद से ले सकते है आप घर बैठे लोन) Aadharseloan
जवाब देंहटाएंबहुत ही उम्दा लिखावट , बहुत ही सुंदर और सटीक तरह से जानकारी दी है आपने ,उम्मीद है आगे भी इसी तरह से बेहतरीन article मिलते रहेंगे Best Whatsapp status 2020 (आप सभी के लिए बेहतरीन शायरी और Whatsapp स्टेटस संग्रह) Janvi Pathak
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