tag:blogger.com,1999:blog-1530122929420485531.post6531307060862932312..comments2024-03-27T22:49:14.200-07:00Comments on कविताएँ : ४९६. रावण का क़द Onkarhttp://www.blogger.com/profile/15549012098621516316noreply@blogger.comBlogger12125tag:blogger.com,1999:blog-1530122929420485531.post-39397672910340819642021-11-14T11:43:57.298-08:002021-11-14T11:43:57.298-08:00यह भी पढ़ें: app kaise banayeयह भी पढ़ें: <a href="https://blogseva.com/free-me-apna-app-kaise-banaye-in-hindi/" rel="nofollow">app kaise banaye</a>Aryanhttps://www.blogger.com/profile/02779213632621403401noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1530122929420485531.post-60906288715086579572020-10-30T04:51:09.793-07:002020-10-30T04:51:09.793-07:00आदरणीय ओंकार जी, सच है रावण का कद हर साल बढ़ जाता ...आदरणीय ओंकार जी, सच है रावण का कद हर साल बढ़ जाता है। और यह भी सच है, कि उसका कद उसे जलाने वाले ही बढ़ा देते हैं। <br />अगले साल बढ़ जाता है <br />रावण का क़द,<br />मैंने कभी बढ़ते नहीं देखा<br />जलानेवालों का क़द.<br />साधुवाद !--ब्रजेन्द्रनाथMarmagya - know the inner selfhttps://www.blogger.com/profile/12590186684533332662noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1530122929420485531.post-90345480712901907372020-10-28T07:44:31.565-07:002020-10-28T07:44:31.565-07:00बेहतरीन रचनाबेहतरीन रचनाAnuradha chauhanhttps://www.blogger.com/profile/14209932935438089017noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1530122929420485531.post-5812233699631211182020-10-27T12:19:01.237-07:002020-10-27T12:19:01.237-07:00सत्य को आईना दिखाती रचना,बहुत बढ़िया सत्य को आईना दिखाती रचना,बहुत बढ़िया Madhulika Patelhttps://www.blogger.com/profile/18209148776668167493noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1530122929420485531.post-18646564482489341192020-10-27T08:47:11.386-07:002020-10-27T08:47:11.386-07:00सत्य की गहराइयों में उतरता हुआ लेखन - - नमन सह। सत्य की गहराइयों में उतरता हुआ लेखन - - नमन सह। Shantanu Sanyal शांतनु सान्यालhttps://www.blogger.com/profile/06457373513221191796noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1530122929420485531.post-32185346016004058612020-10-27T06:37:22.544-07:002020-10-27T06:37:22.544-07:00बहुत बढ़िया विश्लेषणबहुत बढ़िया विश्लेषणSatish Rohatgihttps://www.blogger.com/profile/02012200200379299241noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1530122929420485531.post-14885474721346937132020-10-27T02:14:34.667-07:002020-10-27T02:14:34.667-07:00नमस्कार ओंकार जी, आपकी इस कविता पर बार बार सोचने ...नमस्कार ओंकार जी, आपकी इस कविता पर बार बार सोचने को बाध्य हो रहे हैं हम कि सच में वे चाहते क्या हैं,<br /><br />रावण को जलाना<br /><br />या उसका क़द बढ़ाना....वाह Alaknanda Singhhttps://www.blogger.com/profile/15279923300617808324noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1530122929420485531.post-36165377972036479322020-10-27T01:14:53.142-07:002020-10-27T01:14:53.142-07:00आदरणीय सर ,
बहुत ही सुंदर और रोचक भावाभिव्यक्ति। ज...आदरणीय सर ,<br />बहुत ही सुंदर और रोचक भावाभिव्यक्ति। जिस तरह आपने बढ़ते हुए रावण के कद को हमारे समाज व् देश में बढ़ती बुराइयों का प्रतीक बनाया है, वह बहुत ही सटीक है और हमें सोंचने पर विवश करता है।<br />जलाने वालों का कद तो सच में नहीं बढ़ता। पर यह भी सच है जलाने वालों के कद को बढ़ने की आवश्यकता ही नहीं है क्यूंकि मनुष्य यदि अपने आस पास के या अपने भीतर के रावण को जलाने की ठान ले , तो वः जल ही जाएगा। कद बढ़ने पर भी रावण रूपी बुराइयों के पास नहीं होती। सुन्दर रचना हृदय से आभार व् आपको सादर नमन।<br />आपसे अनुरोध है कृपया पर भी आएं। आपके प्रोत्साहन एवं आशीष के लिए आभारी रहूंगी।<br />आप मेरे नाम तो मेरे प्रोफाइल पर आ जाएँँगे ,वहां मेरे ब्लॉग के नाम कवितरंगिनी पर क्लिक करियेगा। आप मेरे ब्लॉग पर पहुंच जाएँगे । पुनः प्रणाम।<br />Ananta Sinhahttps://www.blogger.com/profile/14940662000624872958noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1530122929420485531.post-88189667205775481142020-10-27T00:57:23.712-07:002020-10-27T00:57:23.712-07:00इस टिप्पणी को लेखक द्वारा हटा दिया गया है.Ananta Sinhahttps://www.blogger.com/profile/14940662000624872958noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1530122929420485531.post-2219079987240157902020-10-26T22:07:10.641-07:002020-10-26T22:07:10.641-07:00गहन भावाभिव्यक्ति ।गहन भावाभिव्यक्ति ।Meena Bhardwajhttps://www.blogger.com/profile/02274705071687706797noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1530122929420485531.post-31331954104120037532020-10-26T16:20:26.305-07:002020-10-26T16:20:26.305-07:00अगले साल बढ़ जाता है
रावण का क़द,
मैंने कभी बढ़ते नह...अगले साल बढ़ जाता है <br />रावण का क़द,<br />मैंने कभी बढ़ते नहीं देखा<br />जलानेवालों का क़द<br /><br />–सत्य सार्थक भावाभिव्यक्तिविभा रानी श्रीवास्तवhttps://www.blogger.com/profile/01333560127111489111noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1530122929420485531.post-44917321881820183802020-10-26T07:35:53.922-07:002020-10-26T07:35:53.922-07:00आपकी लिखी रचना ब्लॉग "पांच लिंकों का आनन्द&qu...आपकी लिखी रचना ब्लॉग "पांच लिंकों का आनन्द" पर मंगलवार 27 अक्टूबर 2020 को साझा की गयी है.... पाँच लिंकों का आनन्द पर आप भी आइएगा....धन्यवाद! Ravindra Singh Yadavhttps://www.blogger.com/profile/09309044106243089225noreply@blogger.com