tag:blogger.com,1999:blog-1530122929420485531.post1840278112687719232..comments2024-03-27T22:49:14.200-07:00Comments on कविताएँ : २७६. पिता Onkarhttp://www.blogger.com/profile/15549012098621516316noreply@blogger.comBlogger13125tag:blogger.com,1999:blog-1530122929420485531.post-70432628963006411202020-07-05T22:05:44.184-07:002020-07-05T22:05:44.184-07:00उम्दा लिखावट ऐसी लाइने बहुत कम पढने के लिए मिलती ह...उम्दा लिखावट ऐसी लाइने बहुत कम पढने के लिए मिलती है धन्यवाद् <a href="https://www.aadharseloan.com" rel="nofollow">Aadharseloan (आप सभी के लिए बेहतरीन आर्टिकल संग्रह जिसकी मदद से ले सकते है आप घर बैठे लोन) Aadharseloan</a>AadharSeloanhttps://www.blogger.com/profile/14881140957666063881noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1530122929420485531.post-68310939402296006792017-09-14T02:16:11.814-07:002017-09-14T02:16:11.814-07:00मर्मस्पर्शी सृजन ...,मर्मस्पर्शी सृजन ...,Meena Bhardwajhttps://www.blogger.com/profile/02274705071687706797noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1530122929420485531.post-71291851218607457342017-09-11T10:08:41.251-07:002017-09-11T10:08:41.251-07:00बहुत मर्मस्पर्शी अभिव्यक्ति...बहुत मर्मस्पर्शी अभिव्यक्ति...Kailash Sharmahttps://www.blogger.com/profile/12461785093868952476noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1530122929420485531.post-61987228301574492352017-09-10T09:20:54.115-07:002017-09-10T09:20:54.115-07:00आदरणीय ओंकार जी स्मृतिशेष पिता जी को समर्पित...आदरणीय ओंकार जी स्मृतिशेष पिता जी को समर्पित ये रचना बहुत मर्मस्पर्शी लगी | सचमुच विडंबना ही है कि हम अपने प्रिय जनों को संवाद के आभाव में कभी ये बता नहीं पाते कि हम उन्हें कितना चाहते है | और खासकर माता - पिता के प्रति ये भाव अव्यक्त ही रह जाया करते हैं | आपने बहुत अच्छा लिखा | सादर हार्दिक शुभकामना ------ - रेणुhttps://www.blogger.com/profile/16292928872766304124noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1530122929420485531.post-66100433331345009092017-09-10T05:08:49.110-07:002017-09-10T05:08:49.110-07:00बहुत ख़ूबबहुत ख़ूबHimkar Shyamhttps://www.blogger.com/profile/18243305513572430435noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1530122929420485531.post-41813195348892187702017-09-10T04:16:32.395-07:002017-09-10T04:16:32.395-07:00जाने क्यों किसी को खोने के बाद ही पता चलता है उसके...जाने क्यों किसी को खोने के बाद ही पता चलता है उसके और अपने बीच के प्रेम की गहराई का ! पिता के प्रति आपके असीम प्रेम को जाहिर करती रचना ।Meena sharmahttps://www.blogger.com/profile/17396639959790801461noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1530122929420485531.post-9149637355683355612017-09-10T03:23:39.953-07:002017-09-10T03:23:39.953-07:00हृदयस्पर्शी रचना....हृदयस्पर्शी रचना....Sudha Devranihttps://www.blogger.com/profile/07559229080614287502noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1530122929420485531.post-13173113860052873512017-09-10T01:25:41.143-07:002017-09-10T01:25:41.143-07:00दिल को छू लेने वाली रचना. सच है कभी कभीvहम जान ही ...दिल को छू लेने वाली रचना. सच है कभी कभीvहम जान ही नहीं पाते कि हमारे भीतर अपनों के लिये कितना प्यार भरा है .अपर्णा वाजपेयीhttps://www.blogger.com/profile/11873763895716607837noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1530122929420485531.post-59697971073032299332017-09-09T22:48:05.411-07:002017-09-09T22:48:05.411-07:00एक उम्र गुजर जाने बाद अपनों की क़द्र समझ आती है
मर...एक उम्र गुजर जाने बाद अपनों की क़द्र समझ आती है <br />मर्मस्पर्शी कविता रावत https://www.blogger.com/profile/17910538120058683581noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1530122929420485531.post-56335989920366044392017-09-09T22:12:10.406-07:002017-09-09T22:12:10.406-07:00सत्य है।सत्य है।सुशील कुमार जोशीhttps://www.blogger.com/profile/09743123028689531714noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1530122929420485531.post-88831842196874332552017-09-09T07:09:16.436-07:002017-09-09T07:09:16.436-07:00आपकी इस प्रविष्टि् के लिंक की चर्चा कल रविवार (10-...आपकी इस प्रविष्टि् के लिंक की चर्चा कल रविवार (10-09-2017) को <a href="http://charchamanch.blogspot.in/" rel="nofollow"> "चमन का सिंगार करना चाहिए" (चर्चा अंक 2723) </a> पर भी होगी।<br />--<br />सूचना देने का उद्देश्य है कि यदि किसी रचनाकार की प्रविष्टि का लिंक किसी स्थान पर लगाया जाये तो उसकी सूचना देना व्यवस्थापक का नैतिक कर्तव्य होता है।<br />--<br />चर्चा मंच पर पूरी पोस्ट अक्सर नहीं दी जाती है बल्कि आपकी पोस्ट का लिंक या लिंक के साथ पोस्ट का महत्वपूर्ण अंश दिया जाता है।<br />जिससे कि पाठक उत्सुकता के साथ आपके ब्लॉग पर आपकी पूरी पोस्ट पढ़ने के लिए जाये।<br />हार्दिक शुभकामनाओं के साथ।<br />सादर...!<br />डॉ.रूपचन्द्र शास्त्री 'मयंक'<br /><br />डॉ. रूपचन्द्र शास्त्री 'मयंक'https://www.blogger.com/profile/09313147050002054907noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1530122929420485531.post-29139069344054700972017-09-09T06:15:28.131-07:002017-09-09T06:15:28.131-07:00बहुत सुंदर मर्मस्पर्शी रचना ओंकार जी।बहुत सुंदर मर्मस्पर्शी रचना ओंकार जी।Sweta sinhahttps://www.blogger.com/profile/09732048097450477108noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1530122929420485531.post-57395296888760450692017-09-09T06:04:16.686-07:002017-09-09T06:04:16.686-07:00ब्लॉग बुलेटिन की आज की बुलेटिन, डॉ॰ वर्गीज़ कुरिय...ब्लॉग बुलेटिन की आज की बुलेटिन, <a href="http://bulletinofblog.blogspot.in/2017/09/blog-post_9.html" rel="nofollow"> डॉ॰ वर्गीज़ कुरियन - 'फादर ऑफ़ द वाइट रेवोलुशन' “ </a> , मे आप की पोस्ट को भी शामिल किया गया है ... सादर आभार !ब्लॉग बुलेटिनhttps://www.blogger.com/profile/03051559793800406796noreply@blogger.com